दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मान‍ित फिल्मकार का निधन ! राष्ट्रपति ने भी ट्वीट करके जताया शोक !

दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात फिल्म निर्देशक मृणाल सेन का लंबी बीमार के बाद रविवार को नि धन हो गया। वह 95 वर्ष के थे। उनके परिवार के सूत्रों ने यह जानकारी दी।

मृणाल सेन का जन्म 14 मई 1923 में फरीदपुर नामक शहर में (जो अब बांग्लादेश में है) में हुआ था. 1955 में मृणाल सेन ने अपनी पहली फीचर फिल्म ‘रातभोर’ बनाई. उनकी अगली फिल्म ‘नील आकाशेर नीचे’ ने उनको स्थानीय पहचान दी और उनकी तीसरी फिल्म ‘बाइशे श्रावण’ ने उनको अन्तर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि दिलाई. उनकी अधिकतर फ़िल्में बांग्ला भाषा में है. मृणाल सेन के न‍ि धन पर कई हस्तियों ने शोक जताया…
Sad to learn of the passing of acclaimed film-maker Mrinal Sen. From Bhuvan Shome to the Calcutta trilogy, his penetrating and sensitive portrayal of social realities made him a fine chronicler of our times. A loss to Bengal, to India and to the world of cinema
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मृणाल दा की आखिरी फिल्म ‘आमार भुवन’ साल 2002 में आई थी. उस वक्त मृणाल 80 वर्ष के थे. फिल्मों के अलावा वह राजनीति में भी एक्टिव रहे हैं. 1998 से 2003 तक वे कम्युनिष्ट पार्टी की ओर से राज्यसभा के लिए भी नॉमिनेट किए गए. साल 2000 में उन्हें रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन ने ऑर्डर ऑफ फ्रेंडशिप सम्मान से सम्मानित किया.
Saddened at the passing away of Mrinal Sen. A great loss to the film industry. My condolences to his family
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साहित्य के लिए नोबेल प्राप्त लेखक गैब्रियल गार्सिया मार्खेज मृणाल दा के खास मित्रों में से हैं. मृणाल दा ने कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म प्रतिस्पार्धाओं में जज/ ज्यूरी की भूमिका निभाई है. कांस को तो वे अपना दूसरा घर बताते रहे हैं. उनके बच्चों की बात करें तो बेटे कुणाल, ‘इंसाइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका’ में चीफ टेक्निकल डेवलपमेंट ऑफिसर हैं.
The passing of noted filmmaker and Padma Bhushan, Mr. marks the end of an era. A Dada Sahib Phalke Awardee, his extraordinary storytelling made his films defining pieces of cinema. A great loss to the Indian film fraternity. My condolences to the family.
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2005 में भारत सरकार ने उनको ‘पद्म विभूषण’ और 2005 में ही ‘दादा साहब फाल्के’ पुरस्कार प्रदान किया था। मृणाल सेन को 2000 में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अपने देश का प्रतिष्ठित सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ फ्रेंडशिप’ दिया था। यह सम्मान पाने वाले वह अकेले भारतीय फिल्ममेकर थे। मृणाल सेन को भुवन शोम (1969), कोरस (1974), मृगया (1976) और अकालेर संधाने (1980) फिल्म के लिए स्वर्ण कमल प्राप्त हो चुके हैं।
दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मान‍ित फिल्मकार का निधन ! राष्ट्रपति ने भी ट्वीट करके जताया शोक ! दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मान‍ित फिल्मकार का निधन ! राष्ट्रपति ने भी ट्वीट करके जताया शोक ! Reviewed by MySEO on December 30, 2018 Rating: 5

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